बिग बी को दादा साहब फाल्के सम्मान की घोषणा - एक नजर उनके 50 साला फिल्मी सफर पर
संघर्ष से सफलता की दास्तान- अमिताभ बच्चन
डाॅ देवेन्द्र जोशी
हिन्दी फिल्मों के महानायक अमिताभ बच्चन को वर्ष 2018 का दादा साहब फाल्के सम्मान देने का निर्णय सर्वानुमति से किया गया है। दादा साहब फाल्के सम्मान सिनेमा का सबसे बड़ा सम्मान है और कला के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान के लिए दिया जाता है।जिस समय टी वी पर यह आवार्ड देने की घोषणा की जा रही थी उस समय अमिताभ बच्चन के बी सी के 11 वें सीजन का मंगलवार को प्रसारित शो समाप्त कर यह कह रहे थे कि ज्ञान केवल किताबों में ही नहीं मिलता। आसपास की चीजों के सूक्ष्म निरीक्षण और चौकन्नेपन से भी बहुत कुछ सीखा जा सकता है। इससे ठीक एक वर्ष पूर्व जब 11 अक्टूबर 2018 को टेलीकास्ट हुए कौन बनेगा करोड़पति के 10 वें सीजन के सेट पर अमिताभ बच्चन का 76 वां जन्मदिन मनाते हुए जब उन्हें आकस्मिक रूप से उनकी मां तेजी बच्चन की आवाज़ सुनाई गई तो वे भावुक हो उठे। इस दौरान अपने बचपन की कुछ यादें साझा करते हुए बिग बी ने कहा कि बचपन में उनका कद लम्बा होने के कारण उन्हें फील्ड मार्शल कहा जाता था। अधिक लम्बाई के कारण चार साल की उम्र में भी उनका पूरा टिकिट लगता था।
केबीसी 10 वें सीजन की प्रसारण अवधि के दौरान टी आर पी लिस्ट में केबीसी लगातार टाॅप 3 में बरकरार रहा। रियलिटी शो के मामले में भी अमिताभ बच्चन ने लगातार दूसरे सप्ताह सलमान खान को पीछे छोड़ते हुए अपनी बढ़त बनाए रखी। इस सफलता का श्रेय अमिताभ बच्चन की दमदार आवाज़ और उनके जबर्दस्त एनर्जी लेवल को जाता है। यही हाल 11 वें सीजन में है। उम्र के 77 वें वर्ष में प्रवेश के पायदान पर खडे अमिताभ बच्चन के व्यक्तित्व और दमदार आवाज का जादू आज भी प्रशंसकों के सिर चढकर बोल रहा है। साल 2000 से शुरू हुआ यह शो अपने 11 वें सीजन में भी इतना लोकप्रिय हुआ तो इसकी एकमात्र वजह अमिताभ का लाजवाब प्रस्तुतिकरण और उनके व्यक्तित्व का आकर्षण है। जबकि इस दौरान सलमान खान , शाहरुख खान तथा अन्य सितारे भी इसी तरह के कार्यक्रम को होस्ट करने में अपनी किस्मत आजमा चुके हैं। लेकिन इसके बराबर पहुंचना तो दूर वे कहीं टिक ही नहीँ पाए। ज्ञान , मनोरंजन और अर्थोपार्जन के साथ सामाजिक सरोकार से जुड़े होने के कारण बिग बी द्वारा प्रस्तुत शो का यह सीजन यादगार बन गया।
अमिताभ बच्चन सबसे लम्बे समय तक बाॅलीवुड के लोकप्रिय अभिनेता रहे हैं। अमिताभ बच्चन को दादा साहब फाल्के पुरस्कार तब मिला है जबकि माया नगरी हिन्दी सिनेमा में उनके प्रवेश के 50 वें वर्ष का उत्सव मनाने की तैयारी में है। उन्होंने फिल्मी दुनिया में प्रवेश 1969 में सात हिन्दुस्तानी फिल्म से किया था। 1970 के दशक के दौरान उन्होंने बड़ी लोकप्रियता प्राप्त की। तब से लेकर अब तक अपने उतार - चढ़ाव भरे कैरियर के बावजूद वे भारतीय सिनेमा के इतिहास में सबसे लम्बे समय तक वे प्रमुख व्यक्तित्व बने रहे। उन्होंने अनेक पुरस्कार भी जीते। जिनमें तीन राष्ट्रीय फिल्म फेयर और बारह फिल्म फेयर पुरस्कार शामिल हैं। 11 अक्टूबर 1942 को इलाहबाद में जन्में अमिताभ बच्चन के पिता हरिवंश राय बच्चन हिन्दी के प्रसिद्ध कवि रहे। 2015 में अमिताभ बच्चन को पद्म विभूषण, 2001 में पद्म भूषण और 1984 में पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित अमिताभ बच्चन का कैरियर जब ढलान पर था तब उन्हें कौन बनेगा करोड़पति ने बहुत सहारा दिया। अमिताभ के कारण यह शो कामयाब रहा या इस शो के कारण बिग बी को दूसरी पारी में फिर से ब्रेक मिला कहना मुश्किल है। दूसरी पारी में भी उन्होंने अनेक यादगार फिल्में दी है।
1984 से 1987 तक वे लोकसभा सांसद भी रहे। लेकिन राजनीति उन्हें रास नहीं आई और वे शीघ्र ही फिल्मों में लौट आए। अमर अकबर एंथनी ( 1978), डाॅन (1979 ), हम (1992), ब्लैक (2006), पा (2010 ) के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार मिला। जबकि आनन्द ( 1972) , नमक हराम (1974), मोहब्बतें ( 2011) के लिए वे सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता के खिताब से नवाजे गए। 1991 में उन्हें लाईफ टाइम एचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया। पल्स पोलियो उन्मूलन, तंबाकू निषेध,एच आई वी / एड्स , स्वच्छता अभियान आदि कार्यक्रमों से भी वे जुड़े रहे। उन्हें यूनिसेफ राजदूत भी नियुक्त किया गया। अमिताभ बच्चन का आरंभिक नाम इंकलाब था। उनका उपनाम श्रीवास्तव है। उन्होंने दो बार एम ए किया तथा वे विज्ञान स्नातक हैं। अपने कैरियर की शुरुआत उन्होंने ख्वाजा अहमद अब्बास निर्देशित फिल्म सात हिन्दुस्तानी से की। फिल्म व्यावसायिक दृष्टि से भले ही ज्यादा सफल नहीं रही। लेकिन अपनी पहली ही फिल्म में उन्हें सर्वश्रेष्ठ नवागन्तुक के पुरस्कार से सम्मानित किया गया। अपने संघर्ष के दिनों में वे 7 वर्ष तक हास्य अभिनेता मेहमूद के घर में रहते थे। लगातार असफलता के बाद उनके कैरियर को गति प्रकाश मेहरा की फिल्म जंजीर से मिली। जिसमें अमिताभ ने इंस्पेक्टर विजय खन्ना की भूमिका निभाई थी। इसके बाद उन्होंने पलटकर नहीं देखा। उन्होंने अपने समय की सभी अभिनेत्रियों के साथ काम किया। लेकिन रेखा के साथ उनकी जोड़ी खूब जमी।
1982 में कुली फिल्म की शूटिंग के दौरान अपने सह कलाकार पुनीत इस्सर के साथ एक फाईट की शूटिंग के दौरान वे गंभीर घायल हो गए थे। उन्होंने सैकड़ों फिल्मों में अभिनय किया। उनकी अधिकांश फिल्मे व्यावसायिक दृष्टि से सफल रही। लेकिन उनकी 10 प्रमुख फिल्मों की बात करें तो आनन्द, जंजीर, दीवार, शोले, अमर अकबर एंथनी,अग्निपथ ,शक्ति, ब्लैक,पा और पीकू को इस सूची में शामिल किया जा सकता है। जो लोग आज सफलता की चकाचौंध में उनके संघर्ष को नहीं देख पा रहे हैं उन्हें याद रखना चाहिए कि बिग बी का आरंभिक दौर अत्यंत संघर्ष पूर्ण रहा। लगातार असफलता के दौर में उन्होंने लगातार धैर्य पूर्वक अपने प्रयास को जारी नहीं रखा होता तो वे शायद आज इस मुकाम पर नहीं होते। जो लोग गाॅड फादर या फिल्म इंडस्ट्री में स्टार किड्स वाद की बात करते हैं उनके लिए बिग बी का जीवन एक मिसाल है जिन्होंने बिना किसी गाॅड फादर के अपना मुकाम खुद बनाया। जमाना आज उनकी जिस दमदार आवाज़ को उनकी सबसे बड़ी ताकत मानता है आरंभिक दिनों में आकाशवाणी ऑडिशन टेस्ट में उनकी वही आवाज़ रिजेक्ट कर दी गई थी। फिर भी वे अपनी काबिलियत का लोहा मनवा कर माने। कुल मिलाकर अमिताभ बच्चन एक सफल अभिनेता होने के साथ ही भारतीयता के प्रतीक और बच्चे, युवा ,वृद्ध सभी पीढ़ी के दर्शकों के चहेते कलाकार हैं। उनका सफर संघर्ष से सफलता की दास्तान है ।जो आम भारतीय को यह प्रेरणा देती है कि मुश्किल से मुश्किल दौर में अपने लक्ष्य पर डेट रहने वाला ही एक दिन अपनी मंजिल पर पहुँच पाता है।