उज्जैन का पहला सामुदायिक रेडियो स्टेशन- दस्तक रेडियो :
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उज्जैन। भारतीय ज्ञानपीठ परिवार ने अपने सामाजिक सरोकारों का विस्तार करते हुए नगर को अ भा सद्भावना व्याख्यान माला की स्थापना के 16 वर्ष बाद एक और सौगात देते हुए नगर का अपना एफ एम रेडियो दस्तक रेडियो के नाम से लाॅन्च किया है जिसका फोल्डर लोकार्पण रविवार को नगर के वरिष्ठ पत्रकारों की मौजूदगी में संपन्न हुआ।
इस स्टेशन के माध्यम से युवाओं को उज्जैन शहर में न केवल मंच मिला है बल्कि बढ़ते हुए रेडियो कल्चर के बीच जॉब का भी एक बड़ा माध्यम विकसित हुआ है। रेडियो दस्तक कई तरह की स्किल वर्कशॉप आयोजित करेगा। जिसमें महत्वपूर्ण रूप से रेडियो जॉकी, स्क्रीप्ट राईटिंग, ऑडियो एडिटिंग, रेडियो प्रोडक्शन, इवेन्ट आर्गेनाईजिंग, स्टेशन मेनेजमेंट, मार्केटिंग जैसी महत्वपूर्ण रोजगार मूलक ट्रेनिंग होगी। इससे शहर के युवा आत्मनिर्भर बनेंगे। ये रेडियो स्टेशन शहर को सफलता के नये आयाम प्रदान करेगा। इससे उज्जैन शहर के साथ-साथ आसपास के ग्रामीण अंचलों को भी अनेक लाभ होंगे, क्योंकि यह मालवा संस्कृति से जुड़ा है। आपके अपने इस रेडियो में आमजन से संबंधित आमजन के द्वारा ही अनेक प्रोग्राम किये जायेंगे, जिससे आम लोगों को अपने मन की बात लोगों तक पहुंचाने का अवसर प्राप्त होता है।
इसके प्रमुख प्रोग्रामों में मुलाकात एक हस्ती से, आपकी आवाज, रेडियो की दस्तक आपके द्वार, महक माटी की, युवा दस्तक, हमारी धरोहर, वे फिर याद आये, अन्दाज अपना-अपना, जीवन की डोर सेहत, कैरियर दस्तक, मेरा उज्जैन, खेती-बाड़ी, मन की कलम से, बाल-चौपाल, दिव्य दस्तक, सुन-सखी, शब ए मालवा, अनुरोध गायिकी, यादगार लम्हें, यादें महत्वपूर्ण है।रेडियो दस्तक द्वारा शुरू से सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक लगातार 12 घंटे नियमित प्रसारण की योजना है। कला, साहित्य और संस्कृति की त्रिवेणी को प्रस्तुत करने वाला यह रेडियो दस्तक वर्तमान में कई कार्यक्रम नियमित रूप से प्रसारित कर रहा है। रेडियो दस्तक के दिव्य दस्तक कार्यक्रम में सुबह सबसे पहले संतों की वाणी, भजन और महापुरुषों के सद्वचन प्रस्तुत किये जा रहे हैं। खेती बाड़ी कार्यक्रम के अंतर्गत मालवीय बोली में खेत-खलियान और किसानों की बातें की जा रही है।
अभी हालांकि इस रेडियो स्टेशन का प्रारंभिक चरण है।इस कारण इसके प्रसारण की लोगों को सीमित जानकारी है। लेकिन जिस तैयारी , दृढ इच्छा शक्ति और नगर की आवाज बनने के संकल्प और सबके सहयोग से आगे बढने की इरादे के साथ इसकी बुनियाद रखी गई है उसे देखकर लगता है कि निश्चित ही यह उज्जैन की आवाज को अभिव्यक्ति देने की एक अच्छी पहल है जिसके लिए ज्ञानपीठ परिवार बधाई का हकदार है। इसकी सफलता इस बात पर निर्भर होगी कि जनता की इस धरोहर में जन अभिव्यक्ति की कितनी निस्पृह भागीदार होती है।
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