सहकारिता और गांधी

 








गांधी के आन्दोलनों की नींव पर सहकारिता ने खडा किया आर्थिक समृद्धि का महल - डाॅ  देवेन्द्र जोशी

 

अपेक्स बैंक के गांधी जयंती समारोह में ग्राहकों का हुआ सम्मान। गांधी की सहकारिता पर हुआ चिन्तन

 

 

 

 

उज्जैन राष्ट्रपिता महात्मां गांधी की 150 वीं जयंती के अवसर पर 2 अक्टूबर को अपेक्स बैंक भरतपुरी शाखा में  गांधी दर्शन और सहकारिता पर चर्चा गोष्ठी एवं ग्राहक अभिनन्दन समारोह आयोजित किया गया। सहकारिता में महात्मा गांधी का योगदान विषय पर लेखक चिन्तक डाॅ देवेन्द्र जोशी ने मुख्य व्याख्यान दिया । मुख्य अतिथि के रूप में डाॅ शैलेन्द्र पाराशर, महेश सिंह तोमर उपस्थित थे। स्वागत भाषण शाखा प्रबंधक डाॅ रवि ठक्कर ने दिया। अतिथि स्वागत शहीद पार्क शाखा प्रबंधक सुनील रावत ने किया। 
 

सहकारिता में गांधी जी के अवदान पर बोलते हुए डाॅ देवेन्द्र जोशी ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका से लौटने के बाद गांधी ने चम्पारण सत्याग्रह से लेकर सविनय अवज्ञा, नमक आन्दोलन, दांडी यात्रा चरखा , स्वदेशी सहित जितने भी आन्दोलन चलाए उनके मूल में सहकारिता ही थी। 1904 से शुरू हुए सहकारी आन्दोलन को गांधी जी के विभिन्न आन्दोलनों से बहुत बल मिला अगर यह कहा जाए तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी कि देश को आजादी सत्य अहिंसा और सत्याग्रह से मिली तो अंग्रजों द्वारा आर्थिक दृष्टि से खोखला कर दिए गए भारत को फिर से खडा करने में सहकारिता का महत्वपूर्ण योगदान रहा। जिसके मूल में गांधी जी की प्रेरणा ही प्रमुख थी।  वे भारत के गांवों की ताकत को जानते थे हरित क्रांति से ही भारत में कृषि आत्मनिर्भरता आई। देश आजाद होने के बाद गांधी के अनुयायी सहकारिता से जुड गए जिससे सहकारी आन्दोलन को बडा बल मिला। गांधी का दर्शन जमीन से जुडा है इसलिए वो जन - जन के दिल में समाया है। आज गांधी को पूजने की नहीं जीवन में उतारने की आवश्यकता है। डाॅ जोशी ने कहा कि गांधी एक व्यक्ति नहीं विचारधारा है। नई पीढी तक गांधी दर्शन को पहुंचाना होगा। गांधी महात्मा इसलिए कहलाए कि उन्होंने ऋषि - मुनियों जैसा जीवन व्यतीत किया। उन्होंने जो भी किया समाज के लिए किया। उन्हें बापू, महात्मा, राष्ट्रपिता ये सभी विशेषण लोगों ने प्रदान किए थे। वे देश के लोगों की फटेहाली देख अपने वस्त्र भी त्याग चुके थे। ऐसे महामानव का भारत की धरती पर जन्म लेना हम सबके लिए गर्व की बात है। 

 

इस अवसर  पर बडी संख्या में उपस्थित बैंक खातेदारों का सम्मान भी किया गया। शिव हरदेनिया और मालवा के सावन कुमार ने  देशभक्ति गीतों से समां बाधा। डाॅ  देवेन्द्र जोशी ने अपनी पुस्तक महात्मायन और राष्ट्रमाता कस्तूरबा अपैक्स बैंक प्रबंधक डाॅ रवि ठक्कर को भेंट की। इस अवसर ग्राहकों को कपडे की थैली भेंट कर प्लास्टिक का उपयोग न करने की सलाह भी दी गक इस अवसर पर एस एन चौधरी, एस एन विजय वर्गीय, चक्रधर उपाध्याय, सुबोध नैयर, आदि उपस्थित थे डाॅ रवि ठक्कर ने बताया कि 2 अक्टूबर से 30 जनवरी तक इस श्रंखला में गांधी विचारधारा से जुडे विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। संचालन शोभा यादव ने किया। आभार सुनील रावत ने माना। उक्त जानकारी शैलेन्द्र रावल ने दी।